शत-प्रतिशत काम करेगा ये उपाय
आपको बता दें कि चरक संहिता में गंजेपन का इलाज करने के लिए ढेर सारे इलाज दर्ज हैं। लेकिन बहुत सारे उपायों की गहराई में ना जाते हुए हम आपको वह एक उपाय बताना चाहेंगे, जो काफी प्रचलित भी है और साथ ही शत-प्रतिशत काम भी करता है।
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जोंक की मदद से इलाज
दरअसल अथर्ववेद की चरक संहिता में ‘जोंक थैरेपी’ नामक के इलाज दर्ज है। सुनने मं आपको वाकई अजीब लग रहा होगा, लेकिन सच में यह इलाज जोंक की मदद से ही किया जाता है। जी हां... वही जोंक जो खून चूसती है। चरक संहिता के इस इलाज को काफी कठिन माना जाता है।
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रिजल्ट मिलेगा आपको
लेकिन यकीन मानिए कि इस जोंक थैरेपी की मदद से बहुत लोगों को राहत मिली है। चलिए आपको बताते हैं कि यह काम कैसे करता है।
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देखिये इलाज
जोंक थैरेपी के अंतर्गत जोंक को रोगी के सिर पर डाल देते हैं। सिर का जो भी दूषित खून होता है उसे जोंक चूस लेती है। दरअसल कई बार सिर में फफूंद या फंगस हो जाती है जिसके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। जोंक इस फंगस को खा जाती है और सिर पूरी तरह से साफ होकर फफूंद मुक्त हो जाता है।
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ऐसे होता है असर
जैसे-जैसे जोंक सिर का खून चूसती है, उसी के साथ सिर में रक्तशोधन होकर रक्त का संचार बढ़ जाता है और नए सिरे से रोम छिद्रों में बाल उगने लगते हैं। कहा जाता है कि जोंक के स्लाइवा में विशेष प्रकार के तत्व होते हैं, जो दर्द दूर करने, रक्त के प्रदूषित तत्वों को दूर करने और रक्त को पतला करने में मददगार होते हैं।
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इस्तेमाल करें ये थैरेपी
तो यदि आप या कोई भी ऐसा व्यक्ति जो गंजेपन के हर इलाज को अपनाने के बाद भी निराश है, जो हर बार इससे छुटकारा पाने में असफल हो रहा हो, वो एक बार इस जोंक थैरेपी का इस्तेमाल जरूर करे। ध्यान रहे कि इस इलाज को किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें।
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